32 एयरपोर्ट से 15 मई तक नहीं उड़ेगा कोई भी जहाज : भारत पाक तनाव का असर हवाई सेवा पर
उत्तर-पश्चिम भारत के 32 एयरपोर्ट अस्थायी रूप से बंद, 15 मई तक निलंबित रहेंगी उड़ानें; पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच बड़ा कदम
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा और संवेदनशील फैसला लिया है। देश के उत्तर और पश्चिमी भागों में स्थित कुल 32 हवाई अड्डों को 9 मई से लेकर 15 मई की सुबह तक अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। यह निर्णय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) द्वारा संयुक्त रूप से जारी ‘नोटम’ (NOTAM) के तहत लागू किया गया है।
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि: DGCA
DGCA ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि में इन हवाई अड्डों से कोई भी नागरिक विमान उड़ान नहीं भर सकेगा। यह रोक ज़मीन से लेकर असीमित ऊँचाई तक प्रभावी रहेगी। अधिकारी इसे पूरी तरह से एहतियातन और रणनीतिक फैसला बता रहे हैं, जो मौजूदा परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए लिया गया है।
ड्रोन खतरे को लेकर बढ़ी चिंता
रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, हाल ही में भारत-पाक सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) के पास कई संदिग्ध ड्रोन गतिविधियां दर्ज की गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन ड्रोन में आयुध ले जाने की आशंका जताई गई है, जिनका उद्देश्य सैन्य प्रतिष्ठानों या संवेदनशील नागरिक ठिकानों को निशाना बनाना हो सकता है।
प्रभावित हवाई अड्डों की सूची
बंद किए गए हवाई अड्डों में अमृतसर, श्रीनगर, जम्मू, अवंतीपुरा, हिंडन, अंबाला, चंडीगढ़, पठानकोट, जैसलमेर, जोधपुर, भुज, लेह, बीकानेर, कुल्लू और शिमला सहित सीमावर्ती और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण एयरपोर्ट शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, दिल्ली और मुंबई फ़्लाइट इनफॉर्मेशन रीजन (FIR) के 25 प्रमुख हवाई मार्गों को भी निलंबित किया गया है।
सरकार का स्पष्ट संदेश: सुरक्षा में कोई समझौता नहीं
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम राष्ट्र की सुरक्षा के दृष्टिकोण से अनिवार्य था। सभी एयरलाइनों और निजी उड़ान सेवाओं को निर्देशित किया गया है कि वे वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करें और यात्रियों को पहले से सूचित करें।
स्थिति की निरंतर समीक्षा जारी
सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह रोक पूरी तरह अस्थायी है और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा स्थिति की समीक्षा के आधार पर इसे हटाने या बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान सेना ने सीमावर्ती इलाकों में वायु रक्षा प्रणाली को और अधिक सक्रिय कर दिया है।
यात्रियों को झेलनी पड़ सकती है असुविधा
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से भले ही हजारों यात्रियों को अस्थायी असुविधा हो, लेकिन मौजूदा हालात में यह कदम पूरी तरह से आवश्यक और राष्ट्रहित में है। भारत सरकार ने यह भी संकेत दिए हैं कि किसी भी बाहरी खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए देश पूरी तरह तैयार है।
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