65 करोड़ की रंगदारी मांगने में नोएडा के 2 पत्रकार गिरफ्तार !
नोएडा में ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट का पर्दाफाश:
‘भारत 24’ की एंकर शाजिया निसार और पत्रकार आदर्श झा गिरफ्तार,
65 करोड़ की रंगदारी का आरोप
नोएडा, 10 जून 2025 —
ब्लैकमेलिंग के आरोप पर प्राइवेट न्यूज़ चैनल ‘भारत 24’ की एंकर शाजिया निसार और ‘अमर उजाला डिजिटल’ से जुड़े पत्रकार आदर्श झा को नोएडा पुलिस ने सोमवार सुबह रंगदारी और ब्लैकमेलिंग के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि दोनों ने मिलकर चैनल प्रबंधन से 65 करोड़ रुपये की अवैध मांग की और धमकियों का सहारा लेकर मानसिक दबाव बनाया।
पुलिस ने दोनों को सेक्टर-58 थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 195/2025 के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां न्यायाधीश जुही आनंद ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तारी से पूर्व शाजिया के आवास पर छापेमारी में ₹34.50 लाख की नकदी भी बरामद हुई।
क्या है मामला?
‘भारत 24’ चैनल प्रबंधन की ओर से लगातार तीन एफआईआर दर्ज कराई गईं— पहली चैनल के एमडी व ग्रुप एडिटर द्वारा, दूसरी कंसल्टिंग एडिटर अनिता हाडा और तीसरी एचआर हेड अनु श्रीधर द्वारा। शिकायतों में यह आरोप लगाया गया कि शाजिया और आदर्श ने जान से मारने की धमकियों के साथ-साथ झूठे यौन उत्पीड़न मामलों में फंसाने की धमकी देकर बड़ी धनराशि की मांग की।
प्रबंधन का दावा है कि इस ब्लैकमेलिंग की शुरुआत नवंबर 2022 में हुई थी जब शाजिया दोबारा चैनल में एंकर के रूप में नियुक्त हुई थीं। शुरुआत में व्यवहारिक समस्याएं सामने आईं, और मार्च 2023 से वह बिना सूचना के लंबी छुट्टी पर चली गईं। 11 सितंबर 2023 को दोबारा जॉइन करने के बाद स्थिति और बिगड़ गई।
सूत्रों के अनुसार अप्रैल 2025 में शाजिया ने 5 करोड़ रुपये की मांग करते हुए धमकियां दीं, जो बाद में बढ़कर 65 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इस दौरान की गई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग और जयपुर में हुई बैठक की वीडियो क्लिपिंग पुलिस को सौंपी जा चुकी है।
पिछला संबंध और मिलीभगत
खुलासा हुआ है कि शाजिया और आदर्श का पेशेवर संबंध करीब 7-8 साल पुराना है। आदर्श झा ने ही जी सलाम चैनल में शाजिया की नियुक्ति के लिए सिफारिश की थी। बाद में ‘भारत 24’ में भी दोनों की नजदीकी बनी रही, और यही संबंध इस पूरे सिंडिकेट की बुनियाद बना।


चैनल प्रबंधन का स्पष्ट रुख
‘भारत 24’ ने बयान जारी कर कहा है कि संस्थान ने जिन लोगों को मंच, मान-सम्मान और अवसर दिया, उन्हीं ने संस्थान की साख और गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश की। प्रबंधन इस पूरे मामले को कानून के मुताबिक आगे बढ़ा रहा है और संबंधित सबूत पुलिस के हवाले कर दिए गए हैं।
पुलिस जांच का अगला कदम
नोएडा पुलिस की टीम अब यह जांच कर रही है कि क्या इस ब्लैकमेलिंग नेटवर्क में पत्रकारिता और सोशल मीडिया से जुड़े अन्य चेहरे भी शामिल हैं? पुलिस का कहना है कि इस प्रकरण को एक संगठित रैकेट के तौर पर देखा जा रहा है और हर एंगल से जांच की जा रही है।
यह मामला केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि पूरे मीडिया जगत की गरिमा और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। कानून अब अपना काम करेगा, और यह देखना होगा कि सच किस ओर है।
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