मधुमक्खी के डंक से हुई थी संजय कपूर की मौत
असामान्य मृत्यु ने मेडिकल जगत को चौंकाया !
12 जून को इंडस्ट्रियलिस्ट संजय कपूर की अचानक हुई मृत्यु ने सभी को हैरान कर दिया था। प्रारंभिक रिपोर्ट्स में बताया गया कि पोलो खेलते समय उन्हें सडन कार्डियक अरेस्ट आया, जिससे उनकी मौत हो गई। लेकिन अब जो जानकारी सामने आ रही है, वह न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि बेहद दुर्लभ मेडिकल स्थिति को उजागर करती है।
दरअसल, खबरों के मुताबिक, संजय कपूर पोलो खेलते समय गलती से एक मधुमक्खी को निगल गए थे। संभावना है कि इस दौरान मधुमक्खी ने उनके मुंह या गले के अंदर डंक मार दिया, जिससे उन्हें गंभीर एलर्जिक रिएक्शन हुआ और उनकी हालत अचानक बिगड़ गई।
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एम. वली के अनुसार, अगर मधुमक्खी ने जीभ पर डंक मारा होगा तो यह बेहद संवेदनशील अंग होने के कारण विष तुरंत रक्तप्रवाह में मिल गया होगा। इस स्थिति में ‘एनाफिलैक्सिस’ नामक एलर्जिक रिएक्शन शुरू हो जाता है, जो कुछ ही मिनटों में जानलेवा हो सकता है। इससे सांस की नली में सूजन, रक्तचाप में गिरावट और अंततः दिल का दौरा हो सकता है।
बेंगलुरु के किम्स अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने इस मामले को “Kounis Syndrome” से जोड़ते हुए बताया कि यह एक अत्यंत दुर्लभ मेडिकल स्थिति है, जिसमें एलर्जिक रिएक्शन के चलते दिल का दौरा हो सकता है। डॉक्टर के मुताबिक, मधुमक्खी के डंक के बाद संजय कपूर को एनाफिलैक्सिस के साथ-साथ मायोकार्डियल इंफार्क्शन भी हुआ, जिससे कार्डियक अरेस्ट आया।
मधुमक्खी का ज़हर अपने आप में एक ज्ञात एलर्जन होता है। अगर यह सीधे मुंह या गले में असर करता है, तो यह सांस रुकने, ऑक्सीजन की कमी और हृदय पर घातक दबाव पैदा कर सकता है। मेलबर्न यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मधुमक्खी का विष शक्तिशाली प्रोटीन और रसायनों से बना होता है जो कुछ लोगों में बेहद तीव्र एलर्जिक रिएक्शन को जन्म देता है।
Kounis Syndrome की पहचान पहली बार 1991 में की गई थी। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब शरीर में एलर्जिक रिएक्शन, जैसे कि मधुमक्खी के डंक, दवाओं या खाद्य पदार्थों से, दिल पर सीधा असर डालता है और हार्ट अटैक को ट्रिगर करता है।
संजय कपूर की मृत्यु न केवल चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक असाधारण केस बन गई है, बल्कि आम लोगों को भी यह समझने की ज़रूरत है कि कभी-कभी मामूली दिखने वाली घटनाएं भी गंभीर और जानलेवा परिणाम ला सकती हैं। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि एलर्जी को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है, और समय पर चिकित्सकीय सहायता जीवन बचा सकती है।
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