जीएसटी सुधार की घोषणा : उद्योग जगत को शंका तो आलोचकों को बिहार चुनाव आया नजर
GST सुधारों पर बड़ा ऐलान:स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से किया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि दिवाली तक वस्तु एवं सेवा कर (GST) में अगली पीढ़ी के सुधार लागू किए जाएंगे। सरकार का कहना है कि इन सुधारों का सबसे अधिक लाभ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को मिलेगा।
हालांकि, इस घोषणा को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। उद्योग जगत और आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कहीं सिर्फ प्रचार तक ही सीमित न रह जाए। कई बार पहले भी जीएसटी सुधारों की घोषणा के बावजूद, उनके कार्यान्वयन की रफ्तार धीमी रही और अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आए।
सीआईआई की अपील और सोशल मीडिया अभियान
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने अपने सदस्यों को प्रधानमंत्री की इस घोषणा का सोशल मीडिया पर जोरदार स्वागत करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि सदस्य PMO India, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, FinMin India और Follow CII को टैग करते हुए #CII4GSTReforms, #GSTReforms और #IndustryWelcomesGSTReforms जैसे हैशटैग के साथ ट्वीट और पोस्ट करें। इसके लिए नमूना संदेश और लिंक भी उपलब्ध कराए गए हैं।

लेकिन व्यापारिक समुदाय में यह चर्चा तेज है कि अगर सुधार वास्तव में ठोस नहीं हुए तो यह एक और “कागजी कवायद” साबित हो सकती है। कई उद्यमियों का कहना है कि केवल सोशल मीडिया पर उत्साह दिखाने से धरातल पर कारोबारियों की समस्याएं दूर नहीं होंगी।
GST रिफॉर्म्स पर आलोचकों की राय
वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से दुनिया भर के नेता एक चीज जरूर सीख सकते हैं — “कैसे लगातार प्रचार से असफलताओं पर भी लंबे समय तक पर्दा डाला जा सकता है।”
उन्होंने यह भी इशारा किया कि औद्योगिक संगठनों को सरकार के भाषणों और घोषणाओं के प्रचार के लिए बाकायदा निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें अब सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है।
तो वहीं गुड्स एंड सर्विस टैक्स में आने वाले नए रिफॉर्म को आलोचकों ने बिहार चुनाव से भी जोड़कर देखा है । आलोचकों का मानना है कि दीपावली के आसपास ही बिहार चुनाव के लिए चुनाव आयोग आचार संहिता लागू कर सकता है और उस समय सरकार के लिए यह कह पाना मुश्किल हो जाता की जीएसटी में कोई रिफॉर्म लाया जा रहा है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर को जीएसटी रिफॉर्म की घोषणा करने के लिए सबसे सही जगह माना , क्योंकि बिहार चुनाव के पहले इससे अच्छी जगह उनको कहीं नहीं मिल सकती थी ।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि MSMEs के लिए कर ढांचे में राहत, रिटर्न फाइलिंग की सरलता और अनुपालन लागत में कमी जैसे ठोस कदम उठाए बिना यह सुधार अधूरा रहेगा। अगर दिवाली तक किए जाने वाले बदलाव केवल घोषणाओं तक सीमित रहे तो इसका असर सीमित होगा और उद्योग जगत में निराशा बढ़ सकती है। तो वहीं अगर यह घोषणा बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर की गई है तो रिफॉर्म हो या ना हो पर चुनाव में इसका फायदा जरूर मिलने की संभावना बनी रहेगी ।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!