1 महीने में चौथी बार स्वच्छता के लिए ली गई शपथ : सिर्फ शपथ ही ली जाएगी या धरातल पर काम भी होगा ?
भ्रष्टाचार मुक्त नगर निगम बनाने की शपथ भी लेनी चाहिए अधिकारियों को !
30 करोड़ के भ्रष्टाचार पर कब बनाई जाएगी जांच कमेटी ?
इशारों इशारों में अधिकारियों ने यह मान लिया कि पंचकूला में गंदगी का आलम है तभी दिलानी पड़ रही है बार-बार शपथ
पंचकूला रीतेश माहेश्वरी
स्वच्छता सर्वेक्षण में जब से पंचकूला नगर निगम की स्वच्छता रैंकिंग 80 नंबर गिरी है तब से सरकार से लेकर प्रशासनिक अधिकारी कागजों में तो स्वच्छता सर्वेक्षण का काम शुरू कर चुके हैं जिसका जीता जगता उदाहरण सामने है । पिछले एक महीने में चार बार पंचकूला में स्वच्छता को लेकर नेताओं अधिकारियों और कर्मचारियों को शपथ दिलवाई गई है । सबसे पहले शपथ दिलाने का कार्यक्रम उपायुक्त कार्यालय से शुरु हुआ । जहां उपयुक्त कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ भाजपा के नेताओं ने भी पंचकूला को स्वच्छ रखने के लिए शपथ ली थी । उसके लगभग 10 दिन बाद नगर निगम कमिश्नर आरके सिंह ने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में स्वास्थ्य कर्मियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई । उसके अगले ही दिन मुख्यमंत्री के विशेष सचिव भारत भूषण भारती ने स्वच्छता को लेकर सभी को शपथ दिलाई । और कल यानि सोमवार 25 अगस्त को पंचकूला के सेक्टर 15 कम्युनिटी सेंटर में एक बार फिर स्वच्छता को लेकर के शपथ दिलाई गई ।
सवाल यह नहीं है कि बार-बार शपथ दिलाई जा रही है सवाल यह है कि क्या शपथ दिलाने भर से पंचकूला स्वच्छ बन जाएगा । या फिर अधिकारी शायद यह मानते हैं कि हर हफ्ते स्वच्छता के लिए शपथ दिलानी जरूरी है क्योंकि लोग शपथ खाकर शपथ को निभाना भूल जाते हैं ।
शपथ दिलाते वक्त एक बार फिर पंचकूला की उपायुक्त ने लोगों से की अपील
जिले को स्वच्छ और सुंदर बनाने के उद्देश्य से उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने सोमवार को सेक्टर-15 सामुदायिक केंद्र में अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि 24 अगस्त से 7 नवंबर तक चलने वाले 11 सप्ताह के अभियान को एक जन आंदोलन का रूप देकर पंचकूला को स्वच्छता की रैंकिंग में अग्रणी बनाना है।


उपायुक्त ने लोगों से अपील की कि सफाई की शुरुआत हर व्यक्ति अपने घर, गली और मोहल्ले से करें और अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ें। उन्होंने एक विशेष व्हाट्सएप नंबर 9696120120 भी जारी किया, जिस पर नागरिक अपने क्षेत्र की गंदगी की फोटो भेज सकते हैं। नगर निगम की टीम 24 घंटे के भीतर उस स्थान की सफाई करेगी। साथ ही, उन्होंने सभी से स्वच्छता ऐप डाउनलोड करने और इसे जन-जागरूकता का माध्यम बनाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के दौरान नगर निगम आयुक्त आर.के. सिंह ने आश्वासन दिया कि निगम की टीम हर गली और सेक्टर को साफ-सुथरा रखने में पूरी तरह से सहयोग करेगी। महापौर कुलभूषण गोयल ने भी सभी विभागों और पार्षदों से आपसी तालमेल बनाकर इस अभियान को सफल बनाने की अपील की।
इससे पूर्व उपायुक्त ने लघु सचिवालय में बैठक कर सभी विभागों को एक टीम की तरह काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “हर गली, हर मोहल्ला स्वच्छ हरियाणा की पहचान” के तहत पंचकूला को स्वच्छ हरियाणा का आदर्श जिला बनाना है।
इस अवसर पर एसडीएम चंद्रकांत कटारिया, संयुक्त आयुक्त गौरव चौहान, नगराधीश जागृति, पार्षद सोनिया सूद, हरेंद्र मलिक, जय कौशिक, रितु सिंगला, सोनू बिड़ला सहित नगर निगम के अधिकारी और सफाई कर्मी उपस्थित रहे।
स्वच्छता की शपथ से पहले भ्रष्टाचार मुक्त नगर निगम की शपथ जरूरी
उपायुक्त के बार-बार शपथ दिलाने से ऐसा लगता है कि जनता से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी स्वच्छता के प्रति जागरूक हो । स्वच्छता की शपथ से ज्यादा भ्रष्टाचार से दूर रहने की अगर शपथ दिलाई जाए वह ज्यादा बेहतर होगी क्योंकि बीते दिनों ही पंचकूला नगर निगम को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता ने वीडियो जारी कर सनसनी फैला दी थी जिसमें वीडियो में उन्होंने एक कथित डायरी के पन्ने दिखाए थे और कहा था कि पंचकूला में एक कंपनी जिसके पास घर से कूड़ा उठाने का ठेका है वह कंपनी भ्रष्टाचार कर रही है और अधिकारियों और पार्षदों की जेब गर्म कर रही है । सबसे पहले जरूर उसे भ्रष्टाचार से पर्दा हटाने की है । वीडियो वायरल होने के बाद में भी ना तो उसे कंपनी का ठेका रद्द किया गया ना ही किसी प्रकार का कोई सख्त एक्शन उसे कंपनी के खिलाफ लिया गया। और तो और जिन अधिकारियों और पार्षदों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे उन पर भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई । तो स्वच्छता की शपथ से पहले जरूरत है भ्रष्टाचार मुक्त पंचकूला नगर निगम बनाने की । क्योंकि एक कहावत है धुआं तभी निकलता है जब कही पर आग लगी होती है ।

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