ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है , संसद में रक्षा मंत्री के बयान के बाद लाल किले के पास धमाका : क्या आंतकी हमला साबित हुआ तो माना जाएगा ‘Act of War’?
दिल्ली के लाल किला के पास हुए हालिया धमाके की जांच जारी है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि घटना की हर संभावना से खंगाले जा रहा है। मामले की प्रावधानिक जांच के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियां सोशल व टेक्निकल फिंगरप्रिंटिंग कर रही हैं ताकि यह तय किया जा सके कि यह साजिशन की गई आंतकी हरकत थी या कोई अन्य कारण रहा।
यदि जांच में यह पाया जाता है कि यह एक संगठित आंतकी हमला था, तो सवाल उठता है — क्या भारत इसे ‘Act of War’ (युद्ध की कार्रवाई) के रूप में लेगा। ऐसी स्थिति में भारत की रणनीति क्या होगी, यह केंद्र सरकार की नीति और संवैधानिक ढांचे के अनुरूप तय किया जाएगा।
ऐसा नहीं है कि यह धारणा अचानक बनी हो। कुछ महीने पहले ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट किया था कि अब किसी भी बड़े आतंकी हमले को सीमित सॉफ्ट-टेक या पुलिस कार्रवाई तक सीमित नहीं माना जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर उसे कठोर सैन्य स्तर पर जवाब दिया जा सकता है। उस समय से इस नीति को देश की ‘न्यू नॉर्मल’ रणनीति के रूप में रखा गया है — यानी अगर सीमा पार से संगठित हमला होगा तो जवाब उसी स्तर पर देने की तैयारी होगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संसद में यह साफ किया था कि ऑपरेशन सिंदूर स्थायी रूप से समाप्त नहीं हुआ है; उसे जब जरूरी समझा जाएगा, दोबारा सक्रिय किया जा सकता है। इस बयान का अर्थ यह है कि सरकार के पास सैन्य विकल्प खुले हैं और नीति-निर्धारण में राजनीतिक और सुरक्षा नेतृत्व के बीच समन्वय बना हुआ है।
वास्तविक कार्रवाई की दिशा और स्तर का निर्णय कई कारकों पर निर्भर करेगा — हमले के पीछे किसकी साजिश है, उसका पैमाना कितना व्यापक है, क्या उसमें किसी राज्य या नॉन-स्टेट एक्टर की संलिप्तता है, और उस समय क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय संदर्भ क्या हैं। इनमें से प्रत्येक पहलू पर गहन संवाद और इंटेलिजेंस व सुरक्षा समीक्षा के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
अभी स्थितियों को ठंडे दिमाग से देखने और जांच के नतीजों का इंतजार करने की आवश्यकता है। सरकार की प्राथमिकता फिलहाल पीड़ितों को सहायता, प्रसारित राहत कार्य और आगे के सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करना है, जबकि जांच यह स्पष्ट करने पर केन्द्रित है कि घटना किस प्रकार की और किस उद्देश्य से की गई थी।




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