मुकेश अंबानी की रिलायंस पर CBI जांच के संकेत, ONGC की गैस चोरी मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
देश की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) एक बार फिर विवादों में है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आंध्र प्रदेश के कृष्णा गोदावरी बेसिन में ONGC के वेल्स से लगभग ₹13,700 करोड़ की प्राकृतिक गैस चोरी के आरोपों की CBI जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार और CBI को नोटिस जारी किया है।
यह नोटिस जस्टिस ए.एस. गडकरी और रंजीतसिंह राजा भोंसले की खंडपीठ ने 4 नवंबर को जारी किया। अब मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी। याचिका सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र पी. मारू द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने मुकेश अंबानी समेत रिलायंस के शीर्ष अधिकारियों पर चोरी, धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप लगाए हैं।
मामला क्या है?
यह विवाद 2004 से 2013-14 के बीच का है। याचिकाकर्ता का दावा है कि रिलायंस ने साइडवेज ड्रिलिंग (बगल से खुदाई) करके ONGC के वेल्स में प्रवेश किया और बिना अनुमति के गैस निकाली। इसे उन्होंने “बड़े पैमाने पर योजनाबद्ध फ्रॉड” बताया।
ONGC के अधिकारियों ने 2013 में इस अनियमितता का खुलासा कर रिपोर्ट सरकार को भेजी थी। बाद में ONGC ने नुकसान की भरपाई की मांग की थी, पर अभी तक किसी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई नहीं हुई।
रिलायंस का बचाव
रिलायंस का तर्क है कि गैस “माइग्रेटरी” थी — यानी प्राकृतिक प्रवाह के कारण खुद-ब-खुद उनके ब्लॉक में पहुंची। कंपनी का दावा है कि ऐसे में गैस निकालना गलत नहीं था। हालांकि, अमेरिकी फर्म D&M (DeGolyer and MacNaughton) की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि गैस का प्रवाह मानव-निर्मित गतिविधियों के कारण हुआ।
पहले भी हो चुका है विवाद
इस विवाद पर ए.पी. शाह कमेटी ने 2016 में रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें रिलायंस पर $1.55 अरब (₹13,700 करोड़) की वसूली और $174.9 मिलियन (₹1,548 करोड़) ब्याज का सुझाव दिया गया था। मामला बाद में सुलह के लिए गया, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने फरवरी 2025 में इसे “पब्लिक पॉलिसी के खिलाफ” बताते हुए खारिज कर दिया।
अब बॉम्बे हाईकोर्ट का यह नोटिस इस मामले में CBI जांच की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।




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