हे राम : अधूरे बेस पर अमित शाह से करवा दिया अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण !
उसके बाद अब फोटो और वीडियो बनाने पर भी लग रखा है पहरा क्योंकि
पंचकूला में अटल पार्क को लेकर बड़ा विवाद, प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
आम नागरिक – मीडिया को फोटो – वीडियो दूर से भी बनाने से सख्त मनाही
एक्सक्लूसिव स्टोरी
एक बहुत पुरानी मशहूर फिल्म का गाना है लाख छुपाओ छुप ना सकेगा राज हो जितना गहरा सच की बात बता देता है …… दरअसल इस गाने की लाइन हमें इस वजह से याद आ गई क्योंकि 24 दिसंबर 25 को गृहमंत्री अमित शाह पंचकूला दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, जिनमें सभी जगह मीडिया को कवरेज की अनुमति थी। लेकिन अटल पार्क में अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा के अनावरण के दौरान मीडिया को जानबूझकर दूर रखा गया।
उस समय इसे सुरक्षा कारणों से जोड़ा गया, लेकिन अब स्पष्ट हो रहा है कि असल वजह सुरक्षा नहीं बल्कि पार्क और प्रतिमा का अधूरा होना था, ताकि इसकी वास्तविक स्थिति सार्वजनिक न हो सके।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हाथों जिस प्रतिमा का अनावरण कराया गया, वह प्रतिमा और उससे जुड़ा अटल पार्क उस समय अधूरा था। उद्घाटन के 48 घंटों बाद प्रशासन द्वारा पार्क के आसपास सख्त पहरा और फोटो-वीडियो पर पूर्ण प्रतिबंध ने पूरे मामले को और संदिग्ध बना दिया है।
अधूरा पार्क, तैयार सिर्फ दिखावे का हिस्सा
सूत्रों के अनुसार, अटल पार्क में प्रतिमा के चारों ओर का निर्माण कार्य उस समय अधूरा था। प्रतिमा का बेस भी पूरी तरह तैयार नहीं था। केवल सामने का हिस्सा, जहां से गृहमंत्री अमित शाह को प्रतिमा का अनावरण करना था , उसी तरफ के हिस्से को अस्थायी रूप से तैयार किया गया।
भाजपा या उससे जुड़े कैमरा दल द्वारा चुनिंदा एंगल से ली गई तस्वीरें ही मीडिया को उपलब्ध कराई गईं, जिन्हें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित किया गया। इन तस्वीरों से यह आभास तक नहीं हुआ कि पार्क अभी अधूरा है।
26 दिसंबर 25 : जब खुलने लगी पोल
26 दिसंबर को कुछ स्थानीय लोगों ने अटल पार्क में जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पुलिस ने रोक दिया। जब लोगों ने मोबाइल निकालकर दूर से ही प्रतिमा की फोटो लेने की कोशिश की, तो उन्हें सख्ती से मना कर दिया गया। यहां तक कि पार्क के बाहर से भी फोटो या वीडियो बनाने की अनुमति नहीं दी गई। इस बात की भनक खबरी प्रशाद अखबार को लगी । यहीं से सवाल उठने लगे कि आखिर प्रशासन को फोटो या वीडियो बनाने से इतना डर क्यों लग रहा है। इसके बाद खबरी प्रशाद अखबार की टीम जा पहुंची अटल पार्क तक जानकारी करने के लिए की क्या वाकई में जो जानकारी आई है वह सही है या गलत ।
पुलिस का पहरा और आम जनता पर रोक
जब टीम अटल पार्क के मुख्य गेट पर पहुंची तो वहां पर दिखाई पड़ा की पंचकूला पुलिस ने दो बैरिकेड लगाकर रास्ता बंद कर रखा है , ताकि आम लोग अंदर न जा सकें। गेट पर तैनात बाहरी कंपनी के सुरक्षा कर्मियों ने साफ कह दिया कि फिलहाल पार्क में किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है। इस पूरी व्यवस्था से यह साफ संकेत मिल रहा था कि कुछ ऐसा है जिसे छुपाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
खबरी प्रशाद अखबार की पार्क के अंदर से ग्राउंड रिपोर्ट
मामले की गंभीरता को देखते हुए खबरी प्रशाद अखबार की टीम पार्क के अंदर किसी तरह पहुंची। गेट पर रोक के बावजूद बातचीत के दौरान टीम को अंदर जाने के लिए कुछ शर्ते जोड़ दी गई । अंदर एक पुलिस पीसीआर खड़ी थी। पीसीआर में मौजूद पुलिसकर्मी ने टीम को बाहर जाने को कहा। जब टीम ने बताया कि वे केवल यह देखने आए हैं कि जिस प्रतिमा का उद्घाटन गृहमंत्री ने किया, वह कैसी दिखती है, तब एक और सख्त शर्त के साथ अंदर जाने दिया गया।
शर्त साफ थी: फोटो-वीडियो बिल्कुल नहीं
पुलिसकर्मी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मोबाइल से कोई फोटो या वीडियो नहीं बनाई जाएगी। अंदर का दृश्य बेहद चौंकाने वाला था। प्रतिमा के चारों ओर निर्माण कार्य चल रहा था। मजदूर काम में जुटे थे और ऊपर चढ़ने के लिए लोहे की बड़ी-बड़ी पाइपें लगी हुई थीं। प्रतिमा का बेस भी पूरी तरह तैयार नहीं था।
दिखावे के लिए तैयार किया गया फ्रंट हिस्सा
जांच में यह बात भी सामने आई कि प्रतिमा के बेस का केवल वही हिस्सा तैयार किया गया था, जो गृहमंत्री अमित शाह की नजर में आने वाला था। पीछे और आसपास का पूरा हिस्सा अधूरा था। यह साफ दर्शाता है कि उद्घाटन वास्तविक तैयारियों के बिना, सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए कराया गया।

‘नौकरी का सवाल है साहब’ – पुलिस की बेबसी
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने हाथ जोड़कर विनम्रता से कहा कि वे मजबूरी में ऐसा कर रहे हैं। उनका कहना था, “आप तो फोटो लेकर चले जाओगे, लेकिन ऊपर से हमें परेशानी झेलनी पड़ेगी। हमारी नौकरी का सवाल है।”
हड़बड़ी क्यों? जवाब देने को कोई तैयार नहीं
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब पार्क और प्रतिमा पूरी तरह तैयार नहीं थे, तो इतनी जल्दबाजी में केंद्रीय गृहमंत्री से इसका उद्घाटन क्यों करवाया गया।
क्या किसी राजनीतिक दबाव या तय कार्यक्रम की मजबूरी में यह कदम उठाया गया?
इन सवालों पर न तो प्रशासन कुछ बोल रहा है और न ही भाजपा का कोई जिम्मेदार नेता सामने आकर स्थिति स्पष्ट कर रहा है।
अटल जी के सम्मान पर सवाल
अटल बिहारी वाजपेई जैसे सम्मानित और देश के कद्दावर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा का उद्घाटन यदि अधूरे निर्माण के बीच किया गया, तो यह केवल प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि उनके सम्मान से भी जुड़ा गंभीर विषय बन जाता है। अब देखना यह है कि प्रशासन और भाजपा इस पूरे मामले पर कब और क्या सफाई देते हैं, या फिर यह मामला भी समय के साथ दबा दिया जाएगा।
जब हमने इस मामले को लेकर पंचकूला के उपायुक्त सतपाल शर्मा से बात की तो उनका कहना था फोटो वीडियो के लिए रोक नहीं लगाई गई है पर पार्क अभी भी बन रहा है ज्यादा जानकारी के लिए पीएमडीए के अधिकारियों से बात कर लीजिए ।
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हमारी टीम ने पीएमडीए के एक्सईएन अरविंद से बात की तो उन्होंने पहले तो बात की पर जब बात अटल पार्क पर आई तो उन्होंने कहा मैं परसों से छुट्टी पर हूं और उन्होंने आगे चीफ इंजीनियर सुनील कुंडू से बात करने की सलाह दे डाली ।
जब हमने पीएमडीए के चीफ इंजीनियर सुनील कुंडू को फोन किया और अटल पार्क को लेकर जैसे ही सवाल पूछा उन्होंने कहा अभी मैं गाड़ी चला रहा हूं बाद में फोन कीजिएगा ।
इस संबंध में पंचकूला भाजपा अध्यक्ष अजय मित्तल से जानकारी करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा अभी पार्क के अंदर फिनिशिंग चल रही है । इसलिए हो सकता है किसी ने अंदर जाने से रोक दिया हो पर ऐसा नहीं है । रही बात प्रतिमा के बेस की , तो वह पूरी बनी हुई है किसी ने आपको गलत सूचना दी है । जल्दी ही पार्क आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा । किसी को भी फोटो वीडियो के लिए मना नहीं है ।




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