पाकिस्तान को 40 घंटे की मोहलत : 12 मई के बाद होगा युद्ध विराम पर अंतिम फैसला
यह युद्धविराम नहीं, चेतावनी है: पाकिस्तान को 40 घंटे की अंतिम मोहलत, 12 मई तक भारत की कड़ी निगरानी जारी
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच अस्थायी गोलीबंदी विराम की घोषणा हुई है, लेकिन इसे किसी भी रूप में स्थायी युद्धविराम नहीं माना जा रहा। भारत ने स्पष्ट किया है कि यह केवल पाकिस्तान को चेतावनी देने के लिए दिया गया सीमित समय है, जिसके तहत अगले 40 घंटों तक भारतीय सेनाएं हर गतिविधि पर कड़ी नजर बनाए रखेंगी।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना की कार्रवाइयों से पाकिस्तान की सैन्य संरचनाओं को भारी क्षति पहुंची है। विशेष रूप से जैकबाबाद, सरगोधा, नूरखान, और रहीमयार खान जैसे प्रमुख सैन्य ठिकाने भारत के निशाने पर रहे। इन हमलों में पाकिस्तान की वायुसेना की सामरिक क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है।
पाकिस्तान की ओर से शांति की पेशकश, लेकिन भारत सख्त
भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान ने बातचीत की पहल करते हुए संपर्क साधा, लेकिन भारतीय सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि यह कोई समझौता नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। यदि पाकिस्तान या उसके समर्थन वाले आतंकी संगठन इस अवधि में कोई हरकत करते हैं, तो भारत की अगली प्रतिक्रिया और भी कठोर होगी।
हमलों से पाकिस्तान की सामरिक रीढ़ टूटी
पाकिस्तान की कई सामरिक और हवाई ठिकानों पर हमले किए गए, जिनमें लाहौर, पेशावर, चकवाल, सुक्कुर और सियालकोट जैसे शहर प्रमुख हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन हमलों ने पाकिस्तान की सैन्य तैयारी को वर्षों पीछे धकेल दिया है। वहीं, भारत के सभी एयरबेस जैसे पठानकोट, भुज, बठिंडा, और सिरसा सुरक्षित हैं। पाकिस्तान द्वारा किए गए सभी प्रयासों को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने निष्फल कर दिया।
12 मई तक निर्णायक निगरानी
भारत ने पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व, विशेषकर जनरल आसिम मुनीर के प्रति गंभीर अविश्वास जताया है। इसलिए भारत की निगरानी 12 मई दोपहर 12 बजे तक बेहद सतर्क और आक्रामक बनी रहेगी। इस दौरान पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी और कोई भी संदेहास्पद हरकत उसके लिए विनाशकारी सिद्ध हो सकती है।
भारत ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अब रक्षात्मक नहीं, निर्णायक नीति अपना चुका है। आने वाले 40 घंटे पाकिस्तान के लिए बेहद अहम हैं — यह शांति की ओर बढ़ने का अवसर भी हो सकता है, या फिर और बड़े संकट का प्रवेश द्वार।
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