एयर इंडिया हादसा : क्या और कैसे होती है डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया ?
एयर इंडिया हादसा: पहचान मुश्किल, 1000 लोगों के होंगे डीएनए टेस्ट – जानिए क्या है प्रक्रिया
रिपोर्ट: ख़बरी प्रसाद नेटवर्क अहमदाबाद
गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए भयानक विमान हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई। हादसे में विमान एक हॉस्टल बिल्डिंग से टकराया और भीषण आग लग गई। इस दुर्घटना में सवार 242 यात्रियों में से अधिकांश की मौत हो गई, और कई शव बुरी तरह झुलस चुके हैं।
शवों की पहचान बनी चुनौती
घटनास्थल पर मिली कई लाशें इतनी क्षतिग्रस्त थीं कि उनकी शिनाख्त संभव नहीं हो पा रही है। ऐसे में सरकार ने डीएनए टेस्टिंग के जरिए मृतकों की पहचान की प्रक्रिया शुरू की है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जानकारी दी कि करीब 1000 लोगों के डीएनए सैंपल लिए जाएंगे, ताकि मृतकों की पहचान की जा सके। ये परीक्षण गुजरात की दो प्रमुख प्रयोगशालाओं – गांधीनगर स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) और नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU) में किए जाएंगे।
डीएनए टेस्ट क्या है और कैसे काम करता है?
डीएनए (Deoxyribonucleic Acid) हमारे शरीर की आनुवंशिक पहचान होती है। यह एक तरह का बायोलॉजिकल कोड है, जो माता-पिता से संतानों में आता है और हर इंसान का डीएनए प्रोफाइल लगभग अद्वितीय होता है। यही वजह है कि पहचान के लिए डीएनए टेस्ट सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता है।
डीएनए टेस्टिंग की प्रक्रिया
1. सैंपल कलेक्शन:
- परिजनों से: मुंह के अंदरूनी हिस्से से स्वैब या रक्त लिया जाता है।
- मृतकों से: दांत, हड्डी, बाल या जलने से बचे ऊतकों से डीएनए निकाला जाता है।
2. डीएनए एक्सट्रैक्शन:
सैंपल को लैब में लाकर डीएनए को रासायनिक विधियों से अलग किया जाता है।
3. डीएनए की बढ़ोतरी (Amplification):
PCR मशीन के जरिए डीएनए की कॉपी तैयार की जाती है ताकि उसका विश्लेषण किया जा सके।
4. डीएनए प्रोफाइलिंग:
डीएनए के विशिष्ट हिस्सों का अध्ययन कर एक अद्वितीय पहचान प्रोफाइल तैयार किया जाता है।
5. मिलान और पुष्टि:
मृतकों के प्रोफाइल को परिजनों के प्रोफाइल से मिलाया जाता है। 99.99% सटीकता के साथ शिनाख्त संभव होती है।
किन्हें बुलाया जा रहा है सैंपल देने?
परिजन जिनके किसी सदस्य की फ्लाइट में मौजूदगी की पुष्टि हुई है, उन्हें बी.जे. मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद के कसोटी भवन में बुलाया जा रहा है। वहां स्वास्थ्य विभाग और एफएसएल की टीमें सैंपल ले रही हैं।
कितने दिन लगते हैं रिपोर्ट में?
सामान्यतः डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने में 7 से 14 दिन का समय लगता है, लेकिन इस आपात स्थिति को देखते हुए सरकार ने प्रक्रिया को 3-5 दिन में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
क्या हैं चुनौतियाँ?
- शवों का अत्यधिक जलना
- सैंपल की गुणवत्ता बनाए रखना
- परिजनों की संख्या अधिक होने से लॉजिस्टिक प्रबंधन
- मानसिक रूप से पीड़ित परिजनों को प्रक्रिया में शामिल करना
खर्च कौन उठाएगा?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि पूरी डीएनए टेस्टिंग प्रक्रिया का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। गृहमंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी पीड़ित परिवार को आर्थिक या कानूनी परेशानी न हो।
इस तरह के हादसे में डीएनए टेस्टिंग मृतकों की पहचान का सबसे वैज्ञानिक और संवेदनशील तरीका है। यह प्रक्रिया लंबी और तकनीकी रूप से जटिल जरूर है, लेकिन इससे परिजनों को अपनों के अंतिम दर्शन और सम्मानजनक अंतिम संस्कार की व्यवस्था सुनिश्चित होती है।
जुड़े रहिए ख़बरी प्रसाद नेटवर्क के साथ, हम आपको इस हादसे से जुड़े हर अपडेट से समय-समय पर अवगत कराते रहेंगे।
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