अरेंज मैरिज में समझदारी ज़रूरी: इन संकेतों से जानें, क्या आपका पार्टनर वाकई शादी के लिए तैयार है या नहीं
अरेंज मैरिज यानी पारंपरिक पारिवारिक विवाह प्रणाली आज भी भारत में प्रचलित है, लेकिन बदलते दौर में यह सिर्फ दो परिवारों का नहीं, बल्कि दो व्यक्तियों के आपसी समझ और सहमति का रिश्ता बन चुका है। ऐसे में यह समझना बेहद अहम हो गया है कि आपका होने वाला जीवनसाथी वास्तव में इस रिश्ते को लेकर सहज और तैयार है या महज पारिवारिक दबाव में हामी भर रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, शादी से पहले पार्टनर के व्यवहार और बातचीत में कुछ संकेतों से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वह शादी के लिए मन से तैयार है या नहीं।
आइए जानते हैं ऐसे कुछ संकेत जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है:
- बातचीत में रुचि की कमी: अगर आपका पार्टनर बार-बार कॉल को इग्नोर करता है या बातचीत में उत्साह नहीं दिखाता, तो यह इस ओर संकेत हो सकता है कि वह मजबूरी में शादी के लिए राज़ी हुआ है। बार-बार “बिजी हूं” कहना भी अनिच्छा का संकेत हो सकता है।
- व्यक्तिगत बातें न बताना: अगर कोई व्यक्ति आपसे जुड़ाव महसूस नहीं करता तो वह अपने व्यक्तिगत अनुभव, पसंद-नापसंद या भावनाएं साझा नहीं करता। यह दूरी, मन से रिश्ता न स्वीकारने का संकेत मानी जाती है।
- मुलाकात से बचना: परिवार की सहमति के बाद भी यदि वह बार-बार मिलने के प्रस्तावों को टालता है या कभी डेट, मूवी या आउटिंग के लिए तैयार नहीं होता, तो यह स्पष्ट संकेत है कि वह इस रिश्ते को अपनाने में सहज नहीं है।
- आप में कमियां निकालन: अगर वह आपके रंग, पहनावे, करियर या व्यवहार को लेकर बार-बार आलोचना करता है, तो यह रिश्ता तोड़ने की मानसिकता का हिस्सा हो सकता है — ताकि आप स्वयं पीछे हट जाएं।
- शादी की तैयारियों में उदासीनता: शादी की तारीख तय होने के बावजूद अगर कोई शादी की प्लानिंग, खरीदारी, वेन्यू या रस्मों में दिलचस्पी नहीं लेता, तो वह इस रिश्ते को बोझ समझ रहा हो सकता है।
- अक्सर गुस्से में रहना: अगर वह छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ा हो जाता है या शादी की बात पर उसका मूड बिगड़ता है, तो यह भी मानसिक अस्वीकृति का संकेत हो सकता है। कई बार ऐसे लोग भावनात्मक रूप से अस्थिर हो जाते हैं और खुद को नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश करते हैं।
अरेंज मैरिज से पहले सिर्फ परिवार की सहमति नहीं, बल्कि व्यक्तिगत मानसिक तैयारी और भावनात्मक जुड़ाव भी ज़रूरी है। अगर इन संकेतों में से कोई एक या एक से अधिक आपके अनुभव में सामने आएं, तो बिना झिझक बातचीत करें और यह तय करें कि यह रिश्ता मजबूरी नहीं, समझदारी और समान इच्छाओं का होना चाहिए। क्योंकि शादी, सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि उम्रभर की साझेदारी होती है।
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