भ्रामक बयानबाजी से घटती विश्वसनीयता
‘चल रहे हैं दौर विष के देवता के आवरण में, रात की काली लटा है भोर के पहले चरण में, देश का दुर्भाग्य चिंतन क्या भला चिंतक करेंगे, साथ देते हैं जटायु आज के सीता हरण में।’ देश की वास्तविक स्थिति यही है। पक्ष विपक्ष में उलझी राजनीति में किसी को देश की परवाह ही […]