भारत-पाक तनाव से डगमगाएगा बाजार? निवेशकों के लिए क्या है सही रणनीति?
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव ने एक बार फिर निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। खासतौर पर जब ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने आतंकवादियों को करारा जवाब दिया, तबसे बाजार की दिशा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म Jefferies और घरेलू विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा हालात के बावजूद भारतीय शेयर बाजार की नींव मजबूत बनी हुई है।
अस्थायी असर, स्थायी भरोसा
Jefferies का कहना है कि यदि सीमा पर हालात थोड़े और बिगड़ते भी हैं, तब भी बाजार पर इसका असर अल्पकालिक ही होगा। वर्ष 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के समय भी देखा गया था कि शुरुआती झटका लगने के बाद बाजार ने तेज़ी से रिकवरी की थी। इसी अनुभव के आधार पर फर्म ने भारतीय इकॉनमी और स्टॉक मार्केट पर अपना भरोसा दोहराया है।
सावधानी के साथ आगे बढ़ने की सलाह
फर्म ने निवेशकों को विशेष रूप से इंडस्ट्रियल और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में फिलहाल सतर्कता बरतने की सलाह दी है। वहीं, बैंकिंग, ऑटो और टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों को Overweight रेटिंग दी गई है। इन सेक्टरों को गिरावट के दौर में भी अपेक्षाकृत स्थिर माना जा रहा है।
घरेलू विशेषज्ञों की भी सकारात्मक राय
Geojit Financial Services के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि फिलहाल हालात भले ही संवेदनशील दिख रहे हों, लेकिन इनकी गंभीरता बढ़ने की संभावना कम है। उनका मानना है कि यह स्थिति अल्पकालिक हो सकती है और दीर्घकालिक निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है।
विदेशी निवेशकों का भरोसा कायम
सिर्फ घरेलू ही नहीं, विदेशी निवेशकों का भरोसा भी भारत में बना हुआ है। गुरुवार को एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) ने भारतीय शेयर बाजार में 2000 करोड़ रुपए से अधिक की खरीदारी की, जो यह दर्शाता है कि वैश्विक निवेशक अभी भी भारत की आर्थिक संभावनाओं को लेकर सकारात्मक हैं।
भले ही सीमा पर तनाव की खबरें सुर्खियों में हों, लेकिन आर्थिक और निवेशीय दृष्टि से भारत की स्थिति मजबूत बनी हुई है। विशेषज्ञों की राय में यह एक अस्थायी चुनौती है और निवेशकों को संतुलित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!