प्राइवेट अस्पताल को प्रमोट कर रहे DG हेल्थ, लेकिन सरकारी अस्पताल की बदहाली पर चुप्पी क्यों?
जिस अस्पताल में डीजी हेल्थ मुख्य अतिथि , उसी अस्पताल की कई शिकायते उनकी टेबल पर , कैसे होगा न्याय ?
हरियाणा सरकार के DG हेल्थ डॉ. मनीष बंसल रविवार को पंचकूला के एक निजी अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। यह कार्यक्रम रोबोटिक सर्जरी तकनीक के उद्घाटन को लेकर था। अस्पताल में आधुनिक टेक्नोलॉजी से मरीजों का इलाज करने की सुविधा शुरू की गई है और DG हेल्थ ने इसकी सराहना भी की। पर जब डीजी हेल्थ अस्पताल की नई शुरुआत की सराहना कर रहे थे तब वह यह भूल गए कि इसी अस्पताल की कुछ शिकायतें उनके टेबल पर पिछले कई दिनों से पड़ी हुई है । तो सवाल इस बात का है कि क्या उन शिकायतों के साथ न्याय हो सकेगा ।
लेकिन यहां सवाल यह नहीं है कि उन्होंने निजी अस्पताल की नई तकनीक का उद्घाटन किया। असली सवाल यह भी है कि सरकारी अस्पतालों की दशा सुधर क्यों नहीं रही, खासकर पंचकूला का नागरिक अस्पताल, जहां पर खुद साहब का दफ्तर आता है.
सरकारी अस्पताल की बदहाली
जिस अस्पताल में DG हेल्थ का कार्यालय स्थित है, उसी अस्पताल की हालत चिंताजनक है। कई बार मरीजों को गर्मी में पसीना बहाना पड़ता है क्योंकि अस्पताल में एयर कंडीशनर काम नहीं करता। साफ-सफाई का स्तर बेहद खराब है। जगह-जगह गंदगी, बदबू और अव्यवस्था मरीजों को स्वास्थ्य लाभ से पहले मानसिक तनाव दे देती है। हाल ही में बनी नई बिल्डिंग को अभी तक विधिवत हैंडओवर नहीं किया गया है, फिर भी अस्पताल का स्टाफ उसमें बैठ चुका है और मरीजों को वहीं देखा जा रहा है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि नई बिल्डिंग में फायर फाइटिंग सिस्टम तक स्थापित नहीं हुआ, न ही अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
निजी अस्पतालों का प्रचार, लेकिन सरकारी अस्पतालों पर मौन?
यह समझना जरूरी है कि निजी अस्पतालों की उन्नति और टेक्नोलॉजी का प्रचार करना बुरा नहीं है, लेकिन जब वही DG हेल्थ, जिनके पास राज्य के सरकारी अस्पतालों की जिम्मेदारी है, वो सार्वजनिक चिकित्सा सेवाओं की अनदेखी करें, तो सवाल उठना लाजिमी है।
गरीब और मध्यमवर्गीय वर्ग का मरीज जब बीमार होता है, तो वो किसी निजी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का रुख नहीं करता, बल्कि सरकारी अस्पताल ही उसकी आखिरी उम्मीद होता है।
सवाल उठता है…
कब सुधरेंगी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था?
कब तक सरकारी बिल्डिंग्स आधे-अधूरे हाल में चालू होती रहेंगी?
और क्या DG हेल्थ सिर्फ कैमरों और कार्यक्रमों तक सीमित रहेंगे या जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की जिम्मेदारी भी निभाएंगे?
कई शिकायतें जांच के घेरे में और जांचकर्ता मुख्य अतिथि
रविवार को जिस निजी अस्पताल में डीजी हेल्थ रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत करने पहुंचे थे उसी अस्पताल की कई शिकायतें उनके टेबल पर जांच के लिए पड़ी हुई है । सवाल इस बात का है कि जिस अस्पताल की शिकायतें उनकी टेबल पर जांच के लिए पड़ी हुई है और उसी अस्पताल में अगर डीजी हेल्थ किसी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर जाते हैं तो ऐसे में क्या उन शिकायतों पर सही तरीके से न्याय हो सकेगा यह भी एक बड़ा सवाल बन गया है ।
सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं एक संवैधानिक जिम्मेदारी हैं, इनका सुधार और मजबूती वहीं लोग कर सकते हैं, जिनके पास अधिकार हैं। उम्मीद है DG बंसल निजी अस्पतालों की सराहना के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों की हालात पर भी ध्यान देंगे, ताकि आम जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।
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