गूज़ ग्रास: गुर्दों को स्वस्थ रखने वाली शक्तिशाली जड़ी-बूटी, जानिए सेवन का सही तरीका
गूज़ ग्रास, जिसे गैलियम अपेरिन (Galium aparine) के नाम से भी जाना जाता है, गुर्दों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक जड़ी-बूटी मानी जाती है। पारंपरिक औषधियों में इसका उपयोग मूत्रवर्धक (Diuretic) और शरीर को विषमुक्त (Detoxifying) करने के लिए किया जाता रहा है। यह जड़ी-बूटी गुर्दों से जुड़ी समस्याओं में राहत देने के लिए जानी जाती है।
कैसे करें सेवन:
1. ताजा रस (Juice):
10-15 मिलीलीटर गूज़ ग्रास का ताजा रस सुबह खाली पेट पीना लाभकारी माना जाता है। इसे बनाने के लिए ताजी जड़ी-बूटी को धोकर, पानी के साथ पीसकर छान लें और तुरंत सेवन करें।
2. हर्बल चाय (Herbal Infusion):
1-2 चम्मच सूखी गूज़ ग्रास को एक कप उबलते पानी में डालें। 10-15 मिनट तक ढककर रखें, फिर छानकर गुनगुना सेवन करें। इसे दिन में 1-2 बार लिया जा सकता है।
क्यों है फायदेमंद:
- यह मूत्र की मात्रा को बढ़ाकर शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालने में मदद करती है।
- मूत्र मार्ग की सफाई कर संक्रमण व पथरी बनने की आशंका को कम करती है।
- गुर्दों की सूजन कम करने और ऊतकों की मरम्मत में सहायक है।
- इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट व मिनरल्स गुर्दों के समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
भारत में उपलब्धता:
भारत में यह जड़ी-बूटी बहुत अधिक प्रचलित नहीं है। इसे हिमालय के कुछ क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगते हुए पाया जाता है। हालांकि, आजकल यह ऑनलाइन हर्बल स्टोर्स, आयुर्वेदिक औषधालयों व जैविक बाजारों (Organic Markets) में उपलब्ध है।
नोट: यह केवल सामान्य आयुर्वेदिक व हर्बल जानकारी है। गूज़ ग्रास का सेवन शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक या हर्बल विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें, विशेषकर यदि आप पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं या दवाइयों का सेवन कर रहे हैं।
(यह जानकारी सिर्फ जागरूकता के लिए दी जा रही है। अधिक जानकारी व मार्गदर्शन के लिए डॉक्टर या हर्बल विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!