अमरनाथ यात्रा : कश्मीर की लाइफ लाइन है बाबा अमरनाथ यात्रा
‘ कश्मीर में धारा 370 हटाये जाने के इतने साल बाद अब अगर जम्मू कश्मीर की अवाम से पूछे कैसा अनुभव हो रहा है तो वह मंद मंद मुस्काते हुए कहते हैं कि आजादी क्या होती है और लोकतंत्र किसे कहते हैं अब हमें पता चला । धीरे-धीरे भारतीय लोकतंत्र के अनुरूप जम्मू कश्मीर का हर एक क्षेत्र में विकास की गंगा जमुनी संस्कृति हिलोरें ले रही है । कल तक सिर्फ प्राकृतिक वह बहार की सुंदरता के लिए कश्मीर अच्छा दिखता था पर जब जनमानस की नजरों में कश्मीर की जनता का आत्ममंथन किया गया , तो पता चला कि यह के लोगों में मानवीय मूल्यों के प्रति समभाव है । धरातल पर सुविधाओं की मजबूत डोर ने बहुत उच्चाईया दे दी है। तभी तो इतने बड़े पहलगाम हमलें के बाद भी वहां का जनजीवन अस्त-व्यस्त नहीं हुआ , कुछ दिन जरूर रुका । अब अवागमन के साधन में रेल की सुविधा भी मिल रही है , उसी के साथ एक दूसरे में आत्मविश्वास भी बड रहा है। वहीं लोगों के दिलों में आतंक का खौफ मिट गया है । तभी तो जम्मू कश्मीर और भी खुबसूरत नजर आ रहा है। इसी के बीच बाबा बर्फानी की अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है । यहां यात्रा कश्मीर की लाइफ लाइन है । भारत ने अपना अभिन्न अंग कश्मीर को बना रखा है ।
भारत की सुंदरता का खुबसूरत मुकूट कश्मीर की धरती है , जो हम सभी के लिए जन्नत है , वह तो सिर्फ कश्मीर में हैं । इस भागदौड़ व आपाधापी भरें जीवन में तनाव बहुत है और जीवन से सुकून के पल चंद ही है। इसलिए अगर हम इसे तलाश रहे हैं तो कुछ समय जरूर बिताए कश्मीर की इन वादियां में जो हमे बुलाती है । क्योंकि कश्मीर में कूदरत की असली चित्रकारी देखने को हमें मिलतीं है । कश्मीर की इस अदभुत सुंदरता को देख मन प्रफुल्लित हो जाता है । मन होता है कि वह जायें बार-बार जाये । अब जब वहां सज गया है बाबा बर्फानी का यहां दरबार तो यात्रा में जीवन का सार हम तलाशें । इतने वर्षों से जिस बुरे दौर में और आंतक के काले नकाब के कारण घाटी की प्रचीनतम सभ्यता धूमिल हो रही थी । अब वह खुली हवा में सांस लेने लगी है । जहां शाम को गोली बारुद का धमाका सुनाईं देता था आज उसी राज्य में भविष्य निरंतर आगे बढ़ रहा है।
डर खौफ का आतंकी साया का वह दौर पुराना था अब विकासशील कश्मीर में फिर से वही दिव्य यात्रा की अलौकिक छबि निकलें को तैयार हैं । पवित्र धाम में फिर भोले के भक्तों का तांता लगेगा। भोले का दरबार अब फिर सज गया है वहीं बाबा बर्फानी का दरबार लग गया है । डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना उनके पटल पर घुमाने लगा था ।जम्मू कश्मीर की पीड़ा तकलीफ़ आतंक व दुश्मन देश पाकिस्तान का हस्तक्षेप के कारण कश्मीर का भविष्य दांव पर लगा हुआ था। वहां के स्थानीय राजनेताओं ने अपने ही परिवारवाद का भाग्य संवारा जनमानस का नहीं । वहीं के हुक्मरानों ने अवाम की पैरवी नहीं की क्योंकि उनकी राजनीति की विरासत खत्म हो जाती ? सबसे पहले भारत सरकार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहुमत के दम पर कानूनी लड़ाई के साथ लोकतंत्र व संविधान के अनुरूप धारा 370 के उस जहर को निकाला। जो गुलामी का प्रतीक थी , जम्मू कश्मीर के विकास में अवरोध था। जैसे ही धारा 370 हटीं उसके बाद खुले आसमान में हर एक क्षेत्र में जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख के हिस्से में खुशनुमा माहौल बना हुआ है । अब जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र का साथ मिल रहा है , प्रदेश सरकार भी केन्द्र के साथ मिलकर अब विकासशील कश्मीर की बात करती हैं। यह बहुत बड़ी बात है। भारत सरकार ने देश का मस्तक गर्व से ऊंचा कर दिया, फिर विकास की पटरी पर जम्मू कश्मीर का हर एक परिवार हर एक तबके के व्यक्ति को केन्द्र सरकार की सुविधाओं का शुद्ध रूप से लाभ मिलने लगा है । अब तारें जमी पर आ गये है डल झील का वह शिकरा हो या अन्य रोजगार की गारंटी बन गई है और यहां के युवाओं व उन लाखों लोगों के लिए जीवन यापन का साधन बन चुकी है , तभी तो यह यात्रा कश्मीर की लाइफ लाइन मानीं जाती है ।
कश्मीर पर्यटन के क्षेत्र में सिरमौर बना हुआ है। राज्य के सभी लोग नये कश्मीर की कहानी लिख रहे हैं । जिससे पर्यटकों की लगातार बढ़ती संख्या से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं । वहीं शिक्षा के क्षेत्र में स्कूल कालेज भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर रहे हैं कश्मीर के लोग पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। यह तभी हो रहा है जब घाटी में अमन-चैन शांति का माहोल बना हुआ है । इतने बड़े संघर्ष के बाद जब युद्ध के हालात में वहां के लोगो ने अभी हिम्मत नहीं हारी तो आज जिस प्रकार वहां जनजीवन फिर से पटरी पर आ गया है । यहां बहुत बड़ी बात है , अब वह का नौजवान गलत दिशा में अपने कदम नहीं बढ़ते है। उनका भविष्य बम बंदुक व पत्थरों के हाथों में नहीं है यही सच्चाई कश्मीर के दृष्टी पटल की है जब भारतीय लोकतंत्र के साथ संस्कृति सभ्यता व संविधान की बातों से आज जम्मू कश्मीर मजबूती से खड़ा हुआ है । पुराने दिनों में संगीनों के साये में फौज का कड़ा पहरा रहता था वहीं अब नौजवानों के चेहरों में मुस्कान है क्योंकि फिजा रंगीन है , और खुशनुमा माहौल व सकारात्मक प्रयासों से सब कुछ अच्छा है। वहीं राजनीतिक दलों की पीढीयों में भी अभिव्यक्ति की आजादी के साथ साथ अधिकार भी पहले से ज्यादा बढ़े हैं , और लोकतांत्रिक व्यवस्था में बोलने पर प्रतिबंध या डर का माहौल अब नहीं है। अब इस आधुनिक युग में भारत के कश्मीर राज्य में युवा पीढ़ी कश्मीर को आगे बढ़ने हेतु पूरी ईमानदारी व कत्तर्व्य निष्ठ होकर काम कर रही हैं। जम्मू कश्मीर के लोग अपने राज्य की कला संस्कृति साहित्य सभ्यता का प्रसार प्रचार करने के लिए अब भारत को अपना मानने वाले खुश मिजाज आवाम अपने पंखों को फैला कर विकासशील कश्मीर का नया इतिहास लिख रही है। विकासित भारत में जम्मू कश्मीर का इतिहास व भविष्य दोनों बहुत प्रेरणादायक है खुशहाली की अविरल धारा झेलम चीनार के इतिहास में चलने हेतु तैयार है । विश्व शांति व अहिंसा प्रेम व सौहार्द और अपनी गंगा जमुनी तहजीब के चलते हमेशा से भाईचारे को बढ़ावा देता संदेश भारत के लिए अच्छा है । यह तो वक्त की आंधियों ने जम्मू कश्मीर को पिछड़ा कर दिया था । अब वर्तमान में सब कुछ अच्छा हो रहा है , गुलशन में नफरत मिट गई है और दिलों से आपसी प्रेम बढ़ रहा है ।
दुरियां मजहब की खत्म हो गई है अब सिर्फ पड़ोसी दुश्मन पाकिस्तान ही नापाक हरकत करता है बाकी तो राज्य में दोस्ती-यारी की बात होती है । दुश्मनी से किसका भला हुआ है , लड़ाई झगडे से हिंसात्मक वातावरण निर्मित होता है । जिससे मानवता का झरण होता है इंसानियत के सच्चे रास्ते पर चल कर ही सच्चाई की जीत होती है। देश के लिए आगे बढ़ने में जम्मू-कश्मीर का साथ मिलने के बाद पर्यटन विभाग के क्षेत्र में बहुत संभावना बढ़ गई है।तभी तों अब बदलाव की इबादत लिखीं जा रही है । जिससे पर्यटन के क्षेत्र में लोगों को व्यवसाय व उद्योग धंधा मिलेगा। विदेशों में बड़े बड़े इवेंट करने की जगह पर जम्मू कश्मीर में बड़े आयोजन करें । । फिर देखिए भारत की उन्नति में चार चांद कैसे लगाते हैं । अब नये कश्मीर में सकारात्मक ऊर्जा के साथ अपना नाम देश दुनिया में रोशन कर रहा है । इसी के चलते और भी खुबसूरत हो गया है यह जो नये भारत का नया कश्मीर है । वहीं यह रास्ते भी इस धरती को स्वर्ग बना रहे हैं। चारों ओर विकास हो रहा है। वहीं सोनमर्ग टनल कश्मीर के लोगों के लिए विकास की इबादत है। विकसित भारत में पर्यटन क्षेत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का सपना अब साकार हो रहा है जम्मू कश्मीर में सिर्फ विकास ही विकास हो रहा है। इससे जम्मू कश्मीर के पर्यटन व युवाओं को रोजगार की नई मंजिल जरूर मिल रही है । वहीं दैनिक आजिविका के लिए इस तरह की राह आवाम के साथ मिलकर चलने से ही सम्भव हुई हैं । यहां अब वर्तमान में जीवन सुलभ होता जा रहा है। सोनमर्ग टनल श्री नगर लेह मार्ग खुलते हुए रास्तों में यह 12 किलोमीटर लम्बी टनल कश्मीर में फिर भारत का गौरव तिरंगा शान से लहराया रहा है। हिमस्खलन भूस्खलन की बाधाओं से बचाने के लिए यह बहुत उपयोगी सुधार किए गया है । इसी से यात्रा और भी सुगम होगी । श्री नगर व सोनमर्ग की यह टनल आजिविका के साधन के रास्तों को खोला जाना यहां के स्थानीय लोगों के लिए खुशनुमा है वहीं यात्रा में पर्यटकों की परेशानी भी दूर होगी। इस समय कठिन डगर जरूर है पर उसी में से मोती तलाशते हुए भारत की शान को बढ़ते लोगों को सलाम ।

भारत के इस नये जम्मू कश्मीर की ऐसी ही विकास यात्रा देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। अब समृद्ध व विकसित भारत की कहानी भी कहें रहा है। वर्तमान परिदृश्य में थोड़ी परिस्थिति जटिल हो गई है पर विश्वास व मन में श्रद्धा भाव बना हुआ है। भोले के सच्चे भक्तों में वही जोश देखकर 140 करोड़ भारतीयों में उमंगता बनी हुई है। वैसे तो भोले बाबा बहुत सरल भाव में उपलब्ध हो जातें हैं , क्योंकि उनके नाम के अनुरूप वह भोले होते हैं। कश्मीर की इस हरी-भरी वादियों में 3 जुलाई 2025 से बर्फ में पहाड़ों के बीच प्रचीनतम गुफा में अमरनाथ जी के दर्शन हम भक्तों को होगे । उस सुन्दरता के आगे स्वर्ग का वैभव भी फिखा है। पहलगाम से लेकर गुफा तक का रास्ता सौंदर्य प्रकृति की चित्रकारी का अनुपम नमुना है। यहां की हरियाली और कहीं भी देखने को नहीं मिलती है। क्योंकि हम लोगों ने ईंट पत्थरों के जंगलों में रहने की आदत बना लीं है इसलिए प्राकृतिक सुंदरता से हम दूर हो गये है। इसलिए अमरनाथ यात्रा में हमें वसुंधरा के करीब ले जाती है। इस यात्रा से आध्यात्मिक सुख का एहसास होता है क्योंकि इसी रास्ते से भगवान भोलेनाथ व पार्वती माता एकान्त में अमर कथा का रसपान करने गुफा में गए थे। तो प्रभु ने भी अपने सभी गणो का त्याग कर के गुफा में प्रवेश किया था। इसीलिए आज भी उसी मार्ग से यात्रा होती है और भक्त उस पवित्र अमरनाथ जी की गुफा में प्रवेश करते हैं। पिस्सू टॉप, गणेश टाॅप, शेषनाग आदि सभी रमणीय स्थलों से यह यात्रा आगे बढ़ती है। यहां पर जाने से ऐसा लगता है कि संसारिक मोह-माया सब कुछ खत्म हो चुकी है, और हम सभी यात्रा कर रहे हैं और चलते जा रहें हैं। यही शक्ति जो अद्भुत है शिवशंकर भोलेनाथ यानी बाबा बर्फानी की जो हमें आलोकित दुनिया में ले जातीं हैं और हम सभी भोले की भक्ति में रम जाते हैं। जय भोले से पूरा यात्रा मार्ग गुंजायमान हो जाता है। यहां हम सभी का मन पवित्र हो जाता है। तभी संसारिक दृष्टि में अमरनाथ जी की यात्रा जम्मू कश्मीर के लिए लाइफ लाइन मानीं जाती है ।
पस्वतंत्र लेखक – हरिहर सिंह चौहान
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