केदारनाथ में हेलिकॉप्टर हादसा: पायलट और बच्चे समेत 5 की मौत, खराब मौसम बना वजह
हेली सेवाओं की सुरक्षा पर उठे सवाल
रुद्रप्रयाग, 15 जून — उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के दौरान रविवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। केदारनाथ मंदिर से गौरीकुंड लौट रहा एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट और एक बच्चे समेत 5 लोगों की मौत हो गई। हादसे के वक्त हेलिकॉप्टर में कुल 7 लोग सवार थे।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हादसे की प्रमुख वजह खराब मौसम को माना जा रहा है। सुबह करीब 5:20 बजे हेलिकॉप्टर घने कोहरे और भारी बारिश के बीच गौरीकुंड के समीप दुर्घटनाग्रस्त हुआ। यह इलाका चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव है।
हादसे के मुख्य बिंदु:
- मृतक यात्रियों की पहचान उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के श्रद्धालुओं के रूप में हुई है।
- हेलिकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी का था, जिसने केदारनाथ से उड़ान भरी थी।
- हादसे के बाद NDRF और SDRF की टीमों ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
हादसे के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की पहली
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए कहा:
“यह एक अत्यंत दुखद घटना है। हम मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। रेस्क्यू कार्य जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने हेली सेवाओं की सुरक्षा जांच के आदेश जारी किए हैं। एक तकनीकी समिति बनाई जाएगी जो हेलिकॉप्टर सेवाओं के मानकों, रखरखाव, मौसम आधारित उड़ान अनुमतियों और पुराने हादसों की भी समीक्षा करेगी।
पिछले हादसे से भी नहीं लिया कोई सबक
गौरतलब है कि सिर्फ 8 दिन पहले इसी रूट पर एक अन्य हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। तब हेलिकॉप्टर का पिछला हिस्सा सड़क किनारे खड़ी कार पर गिरा था।
बार-बार हो रही इन घटनाओं ने केदारनाथ रूट पर हेलीकॉप्टर सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- डीजीसीए (DGCA) पहले ही इन कंपनियों की उड़ान सुरक्षा और मेंटेनेंस रिकॉर्ड की जांच कर रही थी।
- कंपनियों में आर्यन एविएशन, हेरिटेज एविएशन, पवन हंस शामिल हैं, जो इस तीर्थ मार्ग पर सेवाएं देती हैं।
श्रद्धालुओं की नाराजगी और डर
हादसे के बाद श्रद्धालुओं में भय और आक्रोश का माहौल है।
एक श्रद्धालु ने कहा,
“भगवान के दर्शन के लिए आए थे, लेकिन अब हेलिकॉप्टर में बैठने से डर लगता है। सरकार को सख्त जांच करनी चाहिए।”
मांगें और अगला कदम:
स्थानीय नागरिक संगठनों और पर्यावरणविदों ने निम्नलिखित मांगें रखीं:
- उड़ान संचालन मौसम के अनुसार सीमित किया जाए।
- तकनीकी निरीक्षण पारदर्शी और त्वरित हो।
- चारधाम मार्ग पर अनावश्यक उड़ानों पर रोक लगे।
मुख्यमंत्री ने संकेत दिया है कि एक उच्चस्तरीय समिति ब्लैक बॉक्स डेटा और तकनीकी विश्लेषण कर रिपोर्ट सौंपेगी। दोषियों की पहचान कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवा बुजुर्गों, बच्चों और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए राहत मानी जाती है, लेकिन लगातार हो रही दुर्घटनाओं ने इसकी विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकी जा सकेगी।
रिपोर्ट: ख़बरी प्रसाद | उत्तराखंड ब्यूरो
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