भारत में मेडिकल टूरिज्म: विदेशी क्यों कराते हैं भारत में इलाज, और कौन से शहर हैं इसके लिए प्रमुख
सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट पेश किया देश के बजट में उन्होंने चर्चा की थी मेडिकल टूरिज्म की । मेडिकल टूरिज्म क्या है भारत के कौन से शहर हैं जो मेडिकल टूरिज्म के लिए जाने जाते हैं आज पढ़िए सब कुछ !
सामान्य तौर पर टूरिज्म का मतलब होता है कोई घूमने की जगह , या टूरिस्ट । भारत में बहुत से लोग अपना इलाज करने के लिए विदेश से आते हैं इसलिए विदेश से आने वाले लोगों के लिए नया शब्द इस्तेमाल किया गया मेडिकल टूरिज्म । भारत में मेडिकल टूरिज्म (स्वास्थ्य पर्यटन) तेजी से बढ़ रहा है, और अब इसे बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने अहम कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने हालिया बजट में भारत में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने का ऐलान किया है, खासकर निजी क्षेत्र की साझेदारी से। कोविड-19 के बाद भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी विश्वसनीयता को मजबूत किया है और अब यह देश मेडिकल टूरिज्म का एक प्रमुख केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मेडिकल टूरिज्म क्या है?
मेडिकल टूरिज्म तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने देश से बाहर इलाज के लिए यात्रा करता है। इसमें न केवल इलाज बल्कि मरीज की यात्रा, आवास, और उपचार के बाद की देखभाल भी शामिल होती है। यह एक नया और तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है, जिसे अब कई देशों ने एक उद्योग के रूप में अपनाया है।
क्यों बढ़ रहा है मेडिकल टूरिज्म का ट्रेंड?
भारत समेत कई अन्य देशों में इलाज की लागत विकसित देशों जैसे अमेरिका और यूरोप की तुलना में बेहद सस्ती होती है। इसके अलावा, भारत में उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं और नई-नई चिकित्सा तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जो मरीजों को बेहतर इलाज प्रदान करता है।
भारत में कई प्रसिद्ध अस्पताल और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं, जिनकी सेवाएं विदेशी मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। खासकर, कॉस्मेटिक सर्जरी, फर्टिलिटी ट्रीटमेंट, डेंटल केयर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट और कैंसर इलाज जैसे क्षेत्रों में भारत का नाम तेजी से सामने आ रहा है।
भारत में इलाज के लिए कौन से देश आते हैं लोग?
भारत में इलाज के लिए अफगानिस्तान, इराक, श्रीलंका, मालदीव, केन्या, म्यांमार, और ओमान जैसे देशों के नागरिक आते हैं। इनमें से अधिकांश लोग बोनमैरो ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट, बाइपास सर्जरी और घुटने की सर्जरी जैसे उपचार के लिए भारत आते हैं।
भारत में इलाज क्यों कराते हैं विदेशी?
भारत में इलाज का खर्च पश्चिमी देशों की तुलना में बहुत कम है, जो इसे विदेशों से आने वाले मरीजों के लिए आकर्षक बनाता है। उदाहरण के लिए, IVF (इन्फर्टिलिटी ट्रीटमेंट) की लागत भारत में अमेरिकी और यूरोपीय देशों से एक चौथाई तक सस्ती होती है।
भारत में इलाज की गुणवत्ता भी बहुत उच्च स्तर की है, और यहां के डॉक्टर और चिकित्सा संस्थान अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार काम करते हैं। इसके अलावा, भारत विदेशी मरीजों के लिए ई-मेडिकल वीजा जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराता है, जिससे इलाज के लिए भारत आना और भी आसान हो जाता है।
भारत के प्रमुख शहर
भारत के कई शहर मेडिकल टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई, जयपुर, चंडीगढ़, गुरुग्राम, कोलकाता और तमिलनाडु शामिल हैं। इन शहरों में विश्वस्तरीय अस्पताल हैं जो विदेशी मरीजों को बेहतरीन इलाज प्रदान करते हैं।
भारत का मेडिकल टूरिज्म में स्थान
भारत मेडिकल टूरिज्म के मामले में दुनिया के 10 सबसे बड़े देशों में शामिल है। 2020-21 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 46 देशों के मेडिकल टूरिज्म में 10वें स्थान पर था। भारत में अब दुनियाभर से मरीज इलाज के लिए आने लगे हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
क्या है भारत सरकार की योजना?
भारत सरकार ने मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें एक ऑनलाइन मेडिकल वैल्यू ट्रैवल पोर्टल का निर्माण, वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देना और भारत को एक वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना शामिल है।
क्या ध्यान रखें जब विदेश में इलाज के लिए जाएं?
मेडिकल टूरिज्म के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। सबसे पहले, यात्रा से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें और सुनिश्चित करें कि यात्रा के दौरान कोई स्वास्थ्य जोखिम न हो। साथ ही, इंटरनेशनल ट्रैवल इंश्योरेंस के दस्तावेज़ और इलाज से संबंधित रिपोर्ट अपने साथ रखें।
मेडिकल टूरिज्म भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है और इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम कर रहे हैं। इसके चलते भारत स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में वैश्विक मान्यता प्राप्त कर रहा है।
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