मानसिक तनाव कम करने में सेक्स की भूमिका : विज्ञान, सीमाएं और विकल्प
मानसिक तनाव आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी की सबसे आम—but अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली—समस्या है। लोग इसे दूर करने के लिए मेडिटेशन, योग, संगीत, शौक और यहां तक कि यात्राओं का सहारा लेते हैं। लेकिन इन सबके बीच एक और ज़रिया है, जिसकी चर्चा कम होती है—सेक्स। विशेषज्ञों की मानें तो सहमति और भावनात्मक जुड़ाव के साथ किया गया सेक्स न केवल शारीरिक संतुष्टि देता है बल्कि तनाव को भी कम करने में प्रभावी भूमिका निभा सकता है।
सेक्स और स्ट्रेस: वैज्ञानिक जुड़ाव
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जब दो व्यक्ति सहमति से संबंध बनाते हैं और क्लाइमैक्स तक पहुंचते हैं, तो शरीर में डोपामाइन, सेरोटोनिन और ऑक्सीटोसिन जैसे “फील गुड” हार्मोन रिलीज़ होते हैं। ये हार्मोन न केवल मूड बेहतर करते हैं बल्कि तनाव और चिंता के स्तर को भी घटाते हैं। सीनियर सायकायट्रिस्ट डॉ. संजय चुघ कहते हैं, “सहवास एक तरह का फिजिकल वर्कआउट भी है, जो मानसिक शांति का अनुभव देता है।”
क्लाइमैक्स और नींद का गहरा रिश्ता
बहुत से लोग नींद न आने की स्थिति में भी सेक्स या हस्तमैथुन का सहारा लेते हैं। इसके बाद शरीर रिलैक्स महसूस करता है और गहरी नींद आती है। लेकिन यह तभी कारगर होता है जब व्यक्ति पॉर्न पर निर्भर न हो और आत्मनिर्भरता से जुड़ी सीमा न लांघे। सेक्सॉलजिस्ट डॉ. प्रकाश कोठारी इस ओर इशारा करते हैं कि अगर पार्टनर उपलब्ध न हो, तब भी हस्तमैथुन के ज़रिए तनाव कम करना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है—और इसे अपराधबोध से नहीं देखा जाना चाहिए।
लेकिन जब एक तैयार हो और दूसरा नहीं?
मेंटल हेल्थ काउंसलर पूजा प्रियंवदा स्पष्ट कहती हैं, “सिर्फ एक व्यक्ति का सेक्स के माध्यम से तनाव कम करना सही नहीं है, अगर दूसरा इसके लिए मानसिक रूप से तैयार न हो। यह एकतरफा दबाव बनाता है और रिश्ते में दरार ला सकता है।” इसलिए ज़रूरी है कि दोनों पार्टनर के बीच खुले संवाद हों और संबंध की परिपक्वता बनी रहे।
50 की उम्र के बाद क्या?
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, सेक्स की फ्रीक्वेंसी घटती है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटता है और महिलाओं में मेनोपॉज के कारण हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। ऐसे में सेक्स को तनाव से छुटकारे का नियमित ज़रिया मानना व्यावहारिक नहीं है। डॉ. चुघ सलाह देते हैं कि इस उम्र में योग, मेडिटेशन और हल्की एक्सरसाइज को नियमित जीवन का हिस्सा बनाना ज्यादा लाभदायक है।
स्ट्रेस के और भी समाधान
- शौक: म्यूजिक, डांस, किताबें पढ़ना, गार्डनिंग—ये सभी माइंड को डाइवर्ट कर स्ट्रेस कम करते हैं।
- एक्टिव लाइफस्टाइल: सुबह की सैर, योग और नियमित व्यायाम तनाव से लड़ने में बेहद मददगार हैं।
- सोशल सपोर्ट: दोस्तों और परिवार से बातचीत करें, ज़रूरत पर मदद मांगें।
- स्वीकार्यता: जीवन में बदलावों को स्वीकार करना सीखें, चाहे वह जॉब में हो, रिश्तों में या स्वास्थ्य में।
सेक्स कोई जादुई हल नहीं है, लेकिन यह सही परिस्थिति और सहमति के साथ एक शक्तिशाली तनाव-विरोधी उपाय ज़रूर हो सकता है। ज़रूरी यह है कि इसे एक इंसानी जरूरत और मनोवैज्ञानिक जुड़ाव के रूप में समझा जाए, न कि प्रदर्शन या उम्मीदों के बोझ के रूप में।
क्लाइमैक्स तक पहुंचना अगर एक विकल्प है तो साझेदारी और संवेदनशीलता उसका आधार होनी चाहिए। और अगर वह न भी हो, तो भी जीवन में खुश रहने के और कई रास्ते हैं।
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