बच्चे के जन्म के 3-4 महीने बाद ब्रेस्ट मिल्क की कमी क्यों लगती है?
जानिए एक्सपर्ट से वजह और समाधान
नई दिल्ली, 31 जुलाई 2025 — कई बार नई माताएं बच्चे के जन्म के तीन से चार महीने बाद यह महसूस करती हैं कि उनके ब्रेस्ट में दूध पहले जैसा नहीं बन रहा। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह हमेशा दूध की कमी नहीं होती, बल्कि यह शरीर की एक नेचुरल प्रक्रिया हो सकती है जिसमें शरीर बच्चे की जरूरत के अनुसार दूध बनाना सीख जाता है।
क्या यह वाकई दूध की कमी है?
सफदरजंग अस्पताल की गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. सलोनी चड्ढा बताती हैं कि शुरुआती महीनों में ब्रेस्ट भारी और भरे हुए महसूस होते हैं, लेकिन बाद में जब शरीर बच्चे की मांग के मुताबिक दूध सप्लाई को संतुलित कर लेता है, तब ब्रेस्ट सामान्य महसूस होते हैं। कई बार इसी बदलाव को मां दूध की कमी समझ बैठती हैं, जबकि यह एक सामान्य और स्वस्थ संकेत है।
किन लक्षणों से सच में कमी का पता चलता है?
अगर बच्चा लगातार भूखा रहता है, वजन नहीं बढ़ रहा, पेशाब की मात्रा कम हो गई है, या स्तनपान के दौरान चिड़चिड़ाता है — तो ये संकेत हो सकते हैं कि दूध की मात्रा में गिरावट आ रही है।
दूध कम होने के आम कारण
डॉ. चड्ढा बताती हैं कि अनियमित ब्रेस्टफीडिंग, बॉटल फीडिंग पर निर्भरता, तनाव, नींद की कमी, पर्याप्त पोषण या पानी की कमी, हॉर्मोनल बदलाव (जैसे पीरियड्स शुरू होना या गर्भनिरोधक दवाएं लेना), और बच्चे का बीमार होना या सही तरीके से स्तनपान न करना, ये सभी कारण दूध की सप्लाई को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या करें उपाय?
- बच्चे को बार-बार और सही ढंग से स्तनपान कराएं
- दोनों ब्रेस्ट से दूध पिलाएं
- हाइड्रेटेड रहें और पौष्टिक आहार लें
- पर्याप्त नींद और आराम लें
- दूध पंप करना जारी रखें अगर बच्चा कम पी रहा हो
- तनाव से बचें और डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें
ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई शरीर और बच्चे के बीच तालमेल पर निर्भर करती है। छोटे बदलावों से घबराने की बजाय सही जानकारी और नियमित फीडिंग से इस प्रक्रिया को सहज और संतुलित रखा जा सकता है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा बेहतर रहता है।
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