यादें 2025 : वीवीआईपी संस्कृति से कराहा पंचकूला
2026 में सरकार से वीवीआईपी कल्चर से राहत की उम्मीद !
पंचकूला रीतेश माहेश्वरी
आज जब आप यह अखबार पढ़ रहे हैं, तो यह वर्ष 2025 का आखिरी अंक है। अगला अंक 2026 के साथ नई उम्मीदें और नए सवाल लेकर आएगा। हमारे और आपके साथ बीतते साल के साथ कई अच्छी-बुरी यादें भी जुड़ जाएंगी। पंचकूला वासियों के लिए 2025 की ऐसी ही एक कड़वी याद रही शहर में लगातार बढ़ती वीवीआईपी संस्कृति।
वर्ष 2025 में पंचकूला का शायद ही कोई नागरिक होगा, जो वीवीआईपी मूवमेंट से होने वाली परेशानियों से अछूता रहा हो। सत्तापक्ष हो या विपक्ष, सभी ने किसी न किसी स्तर पर इस मुद्दे को उठाया। फर्क बस इतना रहा कि जहां विपक्ष के नेता खुलकर बोले, वहीं सत्तापक्ष के नेता इस पर संयमित या मौन नजर आए।
हालात यह रहे कि आम लोग अब दबे स्वर में यह कहने लगे हैं “मुख्यमंत्री जी, आपका आना अच्छा लगता है, लेकिन आपके साथ आने वाला वीवीआईपी तामझाम हमें परेशान कर देता है।”
वर्ष 2025 में मुख्यमंत्री नायब सैनी के पंचकूला में 75 से अधिक दौरे हुए। इसके अलावा कई अन्य वीवीआईपी और केंद्रीय नेताओं के आगमन से भी शहर बार-बार सुरक्षा घेराबंदी और ट्रैफिक प्रतिबंधों से जूझता रहा।
साल के आखिरी सप्ताह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे ने इस परेशानी को और बढ़ा दिया। उनके प्रवास के दौरान पंचकूला के कई इलाकों में ऐसा माहौल बना, मानो शहर को पूरी तरह सील कर दिया गया हो। जिस-जिस क्षेत्र में उनका कार्यक्रम था, वहां के स्थानीय लोगों को रोजमर्रा के आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह अनुभव 2025 की उन यादों में शामिल हो गया, जिन्हें लोग भुलाना चाहते हैं, लेकिन भूल नहीं पा रहे।
अब वर्ष 2026 की दहलीज पर खड़े पंचकूला वासी सरकार से साफ अपेक्षा जता रहे हैं। आम लोगों का कहना है कि नेताओं का आना-जाना लोकतंत्र का हिस्सा है और इसका स्वागत भी है, लेकिन सुरक्षा और प्रोटोकॉल के नाम पर आम जनजीवन को ठप करना स्वीकार्य नहीं। सीमित और जरूरी असुविधा तक तो बात समझ में आती है, लेकिन जब परेशानी जरूरत से ज्यादा हो जाए, तो वही व्यवस्था जनता के लिए बोझ बन जाती है।

नए साल में पंचकूला वासियों की सरकार से सबसे पहली उम्मीद यही है कि 2026 में शहर को वीवीआईपी संस्कृति से कुछ हद तक मुक्ति मिले । विकास और प्रशासन के साथ-साथ सरकार आम नागरिकों की सहूलियत को भी प्राथमिकता पहले से ही दे रही है , ताकि पंचकूला में रहने का अनुभव सुरक्षित होने के साथ-साथ सहज और सम्मानजनक भी बना रहे।





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