रॉयल अपार्टमेंट : अब एक और धोखाधड़ी का मामला, 39.15 लाख की रकम पर FIR दर्ज
जीरकपुर के विवादित प्रोजेक्ट रॉयल एम्पायर एक बार फिर विवाद में
पहले भी प्रोजेक्ट के ऊपर चल रहा है विवाद
खबरी प्रशाद (रितेश माहेश्वरी) जीरकपुर
जीरकपुर का विवादित रॉयल अपार्टमेंट प्रीमियम प्रोजेक्ट एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला धोखाधड़ी से जुड़ा है। शिकायतकर्ता ने 39.15 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है, जिसके बाद पुलिस ने FIR दर्ज की है। इससे पहले भी यह प्रोजेक्ट कई विवादों में घिरा रहा है।
मामला कहाँ और कैसे शुरू हुआ
पंजाब के मोहाली जिले के जीरकपुर कस्बे के पीर मुछल्ला क्षेत्र में स्थित रॉयल अपार्टमेंट प्रीमियम प्रोजेक्ट को लेकर अब एक नई शिकायत दर्ज की गई है। ढकोली थाना क्षेत्र में दर्ज इस FIR में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है कि फ्लैट बुकिंग और भुगतान के बावजूद उसे अब तक मकान नहीं दिया गया।
शिकायतकर्ता की आपबीती
शिकायतकर्ता वेद प्रकाश गोयल ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने वर्ष 2011 में इस प्रोजेक्ट में अपने परिवार के लिए फ्लैट बुक कराया था और जीवनभर की पूंजी का भुगतान किया। मगर, प्रोजेक्ट के मालिक जीवन गर्ग, प्रिंस गर्ग और राजन गर्ग वित्तीय संकट में फँस गए और साल 2012 में पूरा प्रोजेक्ट बैंक के कब्जे में चला गया।
वर्ष 2022 में मालिकों ने बैंक से वन टाइम सेटलमेंट (OTS) स्कीम के तहत 16.50 करोड़ रुपये भरकर प्रोजेक्ट छुड़ाया। लेकिन शिकायत के अनुसार, गर्ग रियलिटी इंफ्रा नाम की नई कंपनी ने मिलीभगत कर केवल जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली और नगर परिषद जीरकपुर की मदद से प्रोजेक्ट का नाम बदलकर “रॉयल अपार्टमेंट प्रीमियम” कर दिया।

आरोप और शिकायत के मुख्य बिंदु * बिना सहमति
पुराने फ्लैटों को अवैध रूप से बेचने का प्रयास। *झूठे शपथ पत्र और फर्जी दस्तावेज़ बनाकर प्रोजेक्ट अपने नाम करवाना। *नगर परिषद अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर अवैध रूप से नाम परिवर्तन और अनुमतियाँ लेना। *₹12 लाख सर्विस टैक्स, ट्रांसफर फीस और अन्य शुल्क की धमकी देकर वसूली का प्रयास।
शिकायतकर्ता ने सबूत के तौर पर फ्लैट बुकिंग की रसीदें, बैंक और OTS दस्तावेज़, रजिस्ट्री की प्रतियां और विभागीय पत्राचार पुलिस को सौंपे हैं।
पुलिस की कार्रवाई
एस.एस.पी. एस.ए.एस. नगर के निर्देश पर मामला एस.पी. सब-डिवीजन ज़ीरकपुर को जांच हेतु भेजा गया। जांच में पाया गया कि आरोपी जीवन गर्ग और प्रिंस गर्ग ने शिकायतकर्ता के साथ धोखाधड़ी (धारा 420 IPC), गबन (धारा 406 IPC) और षड्यंत्र (धारा 120-B IPC) किया है।
सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस ने SHO ढकोली को FIR दर्ज करने और ए.एस.आई. निर्मल सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया।
प्रोजेक्ट से जुड़े पुराने विवाद
रॉयल अपार्टमेंट का यह पहला विवाद नहीं है। यह प्रोजेक्ट 2010 में शुरू हुआ था लेकिन 2025 तक भी पूरा नहीं हो सका। 2010 में मालिक जीवन गर्ग पर डिफॉल्ट का आरोप लगा, उन्होंने खरीदारों और वेंडरों से पैसा वसूला लेकिन भुगतान नहीं किया। इस वजह से इंडियन ओवरसीज बैंक ने प्रोजेक्ट को टेकओवर कर लिया।
बाद में 2021 में गर्ग रियलिटी इंफ्रा नामक नई कंपनी बनाई गई, जिसने मात्र 4 करोड़ रुपये में प्रोजेक्ट खरीद लिया। सवाल उठता है कि जिस प्रोजेक्ट को 16 करोड़ रुपये देकर बैंक से छुड़वाया गया, वही प्रोजेक्ट 4 करोड़ रुपये में कैसे बेच दिया गया?



नई कंपनी पर भी सवाल
नई कंपनी गर्ग रियलिटी इंफ्रा 2021 में रजिस्टर्ड हुई, लेकिन शिकायत है कि इसने 2020 में ही फर्जी लेटरहेड पर फ्लैट बेचना शुरू कर दिया था। नगर परिषद से प्रोजेक्ट के लिए 99 फ्लैट और 4 दुकानों की अनुमति ली गई थी, लेकिन कंपनी ने 117 फ्लैट बना दिए और बेसमेंट पार्किंग खत्म कर दी। इसके अलावा दुकानों को प्रोजेक्ट के अंदर की जगह सड़क पर शिफ्ट कर दिया गया।
खबरी प्रशाद की अपील
खबरी प्रशाद अखबार के पास शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए सभी दस्तावेज़ मौजूद हैं। हम जीरकपुर क्षेत्र में निवेश करने वाले लोगों से अपील करते हैं कि किसी भी प्रोजेक्ट में पैसा लगाने से पहले सावधानी बरतें।
यदि आप किसी प्रोजेक्ट में निवेश करना चाहते हैं, तो प्रोजेक्ट से संबंधित डॉक्यूमेंट हमें ईमेल पर भेज सकते है । हमारी टीम उनकी जांच कर सही जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश करेगी ।
हमारी ईमेल आईडी : [email protected]

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